Saturday 3 November 2012

भारत में बंगलादेशी मुस्लिम


बिहार औए बंगाल के सीमावर्ती इलाका , खासकर किशनगंज, अररिया, ठाकुरगंज, बहादुरगंज ,पुरनिया और बंगाल के मुर्शिदाबाद, मालदा, दालकोला रायगंज, कालियागंज वगैरह जिले में बांग्लादेशी मुस्लिमो की दिन रात घुसपैठ से माहौल बहुत ही खराब हो गया है !
ये गाँव के गाँव आकर बस गए है ..दिन में मजदूरी करते है ये बधिया मिया ( बांग्लादेशी को इसी नाम से पुकारा जाता है उस इलाके में ) और रात में डकैती करते है , यही इनका पेशा
है !
बाग्लादेश बनने के बाद तो वहां से करीब पांच करोड़ लोग भारत में घुस आए थे। उन्हें फिर से बांग्लादेश भेजने के सर्वोच्च न्यायालय तक के आदेश का पालन भारत सरकार नहीं कर पा रही है। घुसपैठियों के कारण असम और बिहार के कई सीमावर्ती जिलों में आबादी का संतुलन बिगड़ गया है !
इन बधिया मिया को बसाने में इलाके की सांसद और विधयक का बहुत बड़ा हाथ होता है !
भारत बंगलादेश जो बोर्डर है वो खुला है ..बी.डी.आर. ( bangladesh raifal ) इनको प्रतिदिन रात में झुण्ड के झुण्ड भारत में घुसा देती है !
भारत में बंगलादेशी मुस्लिम घुसपैठियों की संख्या लगभग 15 करोड़ है । जनगणना में प्रति व्यक्ति 18.33 रूपये खर्च होंगे । यानी बंगलादेशियों पर ही लगभग साढ़े 273 करोड़ रूपये फूँके जायेंगे । भारतीयों की गाढ़ी कमाई से इतने रूपये फूँकने के बाद भारत को क्या मिलेगा ? टका-सा जवाब है कुछ नहीं । उल्टे भारत की जनसंख्या में ये चार करोड़ बंगलादेशी वैधनिक रूप से शामिल हो जायेंगे । जब ये यहाँ के नागरिक हो जायेंगे तो उन्हें भी वही अधिकार प्राप्त हो जायेगा जो एक भारतीय नागरिक को प्राप्त है। घुसपैठिये वोट डालेंगे, चुनाव लड़ेंगे, नौकरी करेंगे, मंत्री भी बनेंगे !
घुसपैठियों के कारण असम के कुल 27 जिलों में से 12 जिले मुस्लिम बहुल हो चुके हैं । धुबरी, ग्वालपाड़ा, नलवाड़ी, बारपेटा, हेलाकाण्डी आदि जिलों में हिन्दू अल्पसंख्यक हो चुके हैं ।
कोकराझार में सामाजिक संगठन से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि कुछ ही साल बाद असम मुस्लिम राज्य हो जायेगा । उन्होंने यह भी बताया कि असम में हिन्दू भय के माहौल में रह रहे हैं । उन्हें अपना भविष्य सुरक्षित नहीं लग रहा है गुवाहाटी की पूर्व सांसद श्रीमती बिजोया चक्रवर्ती भी असम की स्थिति से बहुत चिन्तित है । उन्होंने बताया कि असम विधानसभा की कुल 126 सीटों में से 46 सीटों पर बंगलादेशी घुसपैठियों की वजह से मुस्लिमों का दबदबा हो चुका है । श्रीमती चक्रवर्ती ने यह भी बताया कि पूरे भारत में मतदाताओं की संख्या 1 प्रतिशत बढ़ती है तो असम में 7 प्रतिशत । इससे भी जाहिर होता है कि असम में बंगलादेशी मुस्लिम घुसपैठिए बड़ी संख्या में बस रहे हैं । इस कारण असम में हिन्दू दिनोंदिन अल्पसंख्यक हो रहे हैं ।

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