Saturday, 3 November 2012

भारत में बंगलादेशी मुस्लिम


बिहार औए बंगाल के सीमावर्ती इलाका , खासकर किशनगंज, अररिया, ठाकुरगंज, बहादुरगंज ,पुरनिया और बंगाल के मुर्शिदाबाद, मालदा, दालकोला रायगंज, कालियागंज वगैरह जिले में बांग्लादेशी मुस्लिमो की दिन रात घुसपैठ से माहौल बहुत ही खराब हो गया है !
ये गाँव के गाँव आकर बस गए है ..दिन में मजदूरी करते है ये बधिया मिया ( बांग्लादेशी को इसी नाम से पुकारा जाता है उस इलाके में ) और रात में डकैती करते है , यही इनका पेशा
है !
बाग्लादेश बनने के बाद तो वहां से करीब पांच करोड़ लोग भारत में घुस आए थे। उन्हें फिर से बांग्लादेश भेजने के सर्वोच्च न्यायालय तक के आदेश का पालन भारत सरकार नहीं कर पा रही है। घुसपैठियों के कारण असम और बिहार के कई सीमावर्ती जिलों में आबादी का संतुलन बिगड़ गया है !
इन बधिया मिया को बसाने में इलाके की सांसद और विधयक का बहुत बड़ा हाथ होता है !
भारत बंगलादेश जो बोर्डर है वो खुला है ..बी.डी.आर. ( bangladesh raifal ) इनको प्रतिदिन रात में झुण्ड के झुण्ड भारत में घुसा देती है !
भारत में बंगलादेशी मुस्लिम घुसपैठियों की संख्या लगभग 15 करोड़ है । जनगणना में प्रति व्यक्ति 18.33 रूपये खर्च होंगे । यानी बंगलादेशियों पर ही लगभग साढ़े 273 करोड़ रूपये फूँके जायेंगे । भारतीयों की गाढ़ी कमाई से इतने रूपये फूँकने के बाद भारत को क्या मिलेगा ? टका-सा जवाब है कुछ नहीं । उल्टे भारत की जनसंख्या में ये चार करोड़ बंगलादेशी वैधनिक रूप से शामिल हो जायेंगे । जब ये यहाँ के नागरिक हो जायेंगे तो उन्हें भी वही अधिकार प्राप्त हो जायेगा जो एक भारतीय नागरिक को प्राप्त है। घुसपैठिये वोट डालेंगे, चुनाव लड़ेंगे, नौकरी करेंगे, मंत्री भी बनेंगे !
घुसपैठियों के कारण असम के कुल 27 जिलों में से 12 जिले मुस्लिम बहुल हो चुके हैं । धुबरी, ग्वालपाड़ा, नलवाड़ी, बारपेटा, हेलाकाण्डी आदि जिलों में हिन्दू अल्पसंख्यक हो चुके हैं ।
कोकराझार में सामाजिक संगठन से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि कुछ ही साल बाद असम मुस्लिम राज्य हो जायेगा । उन्होंने यह भी बताया कि असम में हिन्दू भय के माहौल में रह रहे हैं । उन्हें अपना भविष्य सुरक्षित नहीं लग रहा है गुवाहाटी की पूर्व सांसद श्रीमती बिजोया चक्रवर्ती भी असम की स्थिति से बहुत चिन्तित है । उन्होंने बताया कि असम विधानसभा की कुल 126 सीटों में से 46 सीटों पर बंगलादेशी घुसपैठियों की वजह से मुस्लिमों का दबदबा हो चुका है । श्रीमती चक्रवर्ती ने यह भी बताया कि पूरे भारत में मतदाताओं की संख्या 1 प्रतिशत बढ़ती है तो असम में 7 प्रतिशत । इससे भी जाहिर होता है कि असम में बंगलादेशी मुस्लिम घुसपैठिए बड़ी संख्या में बस रहे हैं । इस कारण असम में हिन्दू दिनोंदिन अल्पसंख्यक हो रहे हैं ।

असम की इस परिस्थिति का जिम्मेदार कौन... ?

जब राजनेता अपना जमीर, आत्म सम्मान बेच दे तो राजनीति का वैश्यावृतिकरण
(Prostitution of Politics) शुरू होता है ये राजनीति का वैश्यावृतिकरण यू पी ए सरकार की ही देन हैं। बोडो आसाम राज्य की मिटटी से जुड़ी स्थानीय जनजाति है। बोडो जो भारत की संस्कृति का एक अभिन्न अंग है, बांग्लादेश की सीमा से आने वाले घुसपैठिये आज उन पर हमला कर रहे हैं और यू पी ए सरकार सुन्न होकर देख रही है। हुजी, आई एम और आई एस आई जैसे आंतकी गुटों की शह में आसाम के धरती की छाती पर पिछले कई वर्षों से ये बांग्लादेशी घुसपैठ पाकिस्तान का झंडा बैखोफ लहरा रहे है।

क्या मुस्लिम वोटों के लालच में यू पी ए सरकार इतनी अंधी हो गयी है कि इस धीमे जहर को चुपचाप फैलने दिया ? 1998 में रिटायर्ड लैफ्टीनेंट जनरल एस. के. सिन्हा जो उस समय असम के गर्वनर थे, के द्वारा भारत के राष्ट्रपति के. आर. नारायणन को यह कहकर चेतावनी दी गयी थी कि यदि इस भारत में अवैध घुसपैठ पर लगाम नही लगाई गयी तो भारत देश की सुरक्षा को गहन खतरा है। इस पर कांग्रेस एंव सी पी एम ने सिन्हा पर सामप्रादियक दंगों को उकसाने का आरोप लगाते हुये 22 कांग्रेस सांसदों द्वारा पत्र लिखवा राष्ट्रपति से
सिन्हा को वापिस बुलाने की मांग की। इन तथ्यों को जानते हुये भी भारत की सुरक्षा के लिये इस सरकार ने इस अवैध घुसपैठ पर कोई लगाम लगाने की जरूरत नही समझी, बल्कि हमारे प्रधानमंत्री के इस चुनाव क्षेत्र में बडे सम्मान से इन घुसपैठियों का राशन कार्ड और वोटर कार्ड से स्वागत होता रहा, आज हम उसी की सजा भुगत रहे है।

एक सप्ताह में करीब 500 गांवों से दो लाख तक लोग बेघर हो गये है और ऐसे में उसी आसाम राज्य के श्री मनमोहन सिंह भारत के प्रधानमंत्री है, जो न पहले कुछ बोले न अब कुछ बोल रहे है, न ही कोई सख्त कदम उठा रहे है।

सेकुलरिज्म की परिभाषा बार बार समझाने वाली इस यू पी ए सरकार ने गुजरात दंगों के समय नरेन्द्र मोदी को बदनाम करने में कोई कसर नही छोडी़, कि नरेन्द्र मोदी ने दंगें शुरू होने के दो दिन बाद रोकथाम के कदम उठायें। अब जब आसाम में दगें हो रहे है तब एक सप्ताह बाद तक भी यू पी ए सरकार की तरफ से न कोई ठोस कदम उठाया गया, न श्री मनमोहन सिंह, न श्रीमति सोनियागांधी और न ही श्री राहुल गांधी ने इस विषय में कुछ बोला .... आखिर क्यों ?
पिछले कुछ महीनों से आसाम जल रहा है और यू पी ए सरकार अपनी आंखे सेक रही है। विकीलिक्स द्वारा उदघाटित श्री राहुल गांधी जहां हिन्दू आंतक (Hindu Terror) की बात करते है, वही क्या आज उन्हें बांग्लादेशी मुस्लिम घुसपैठियों का आंतक नजर नही आता? लगता है यू पी ए सरकार से उम्मीद रखना अब बेवकूफी है क्यूंकि इस देश में 125 करोड़ भारतवासी होने के बावजूद, अवैध रहने वाले बांग्लादेशी घूसपेंठियें भारत की गरिमा पर वार कर रहे है, आंतक फैला रहे है और सरकार अपने नेतृत्व में कमजोर पड़ रही हैं।

इस घटना से भारत वासियों को एक सीख लेने की आवश्यकता है कि सौ गधों का यदि एक शेर नेतृत्व करता है तो वो अवश्य विजय प्राप्त करता है, पर अगर सौ शेरों का यदि कोई एक गधा नेतृत्व करता है तो वह अवश्य पराजित होता है।

यू पी ए सरकार का नेतृत्व केवल 'खोखले नेतृत्व' का प्रदर्शन कर रहा है, ऐसे में यू पी ए सरकार के नेतृत्व पर कई प्रश्न खडें होते है। आज समय है कि भारत के प्रत्येक नागरिक को जागना होगा, अपने देश, अपनी मिटटी, अपनी संस्कृति एवं अपने आत्मसम्मान को बचाने के लिये ऐसी नाकाम सरकार को जड़ से उखाड़ फैंकना होगा।

Lets Wake-up India and Shake-up this UPA Govt.

याद रहे अगर हम अपना इतिहास नही बचा पाये तो हम अपना भविष्य भी नही बना पायेगें।

क्या आप जानते है की कोई मीडिया समूह हिन्दू या हिन्दू संघठनो के प्रति इतना बैरभाव क्यों रखती है.

भारत में चलने वाले न्यूज़ चैनल, अखबार वास्तव में भारत के है ही नहीं… ------------------------------------------------------ सन २००५ में एक फ़्रांसिसी पत्रकार भारत दौरे पर आया उसका नाम फ़्रैन्कोईस था उसने भारत में हिंदुत्व के ऊपर हो रहे अत्याचारों के बारे में अध्ययन किया और उसने फिर बहुत हद तक इस कार्य
के लिए मीडिया को जिम्मेवार ठहराया. फिर उसने पता करना शुरू किया तो वह आश्चर्य चकित रह गया की भारत में चलने वाले न्यूज़ चैनल, अखबार वास्तव में भारत के है ही नहीं… फीर मैंने एक लम्बा अध्ययन किया उसमे निम्नलिखित जानकारी निकल कर आई जो मै आज सार्वजानिक कर रहा हु .. विभिन्न मीडिया समूह और उनका आर्थिक श्रोत…… १-दि हिन्दू … जोशुआ सोसाईटी , बर्न, स्विट्जरलैंड , इसके संपादक एन राम , इनकी पत्नी ईसाई में बदल चुकी है. २-एन डी टी वी … गोस्पेल ऑफ़ चैरिटी, स्पेन , यूरोप ३-सी एन एन , आई बी एन ७,सी एन बी सी …१००% आर्थिक सहयोग द्वारा साउदर्न बैपिटिस्ट चर्च ४-दि टाइम्स ऑफ़ इंडिया, नवभारत , टाइम्स नाउ… बेनेट एंड कोल्मान द्वारा संचालित ,८०% फंड वर्ल्ड क्रिस्चियन काउंसिल द्वारा , बचा हुआ २०% एक अँगरेज़ और इटैलियन द्वारा दिया जाता है. इटैलियन व्यक्ति का नाम रोबेर्ट माइन्दो है जो यु पी ए अध्यक्चा सोनिया गाँधी का निकट सम्बन्धी है. ५-स्टार टीवी ग्रुप …सेन्ट पीटर पोंतिफिसिअल चर्च , मेलबर्न ,ऑस्ट्रेलिया ५-हिन्दुस्तान टाइम्स,दैनिक हिन्दुस्तान…मालिक बिरला ग्रुप लेकिन टाइम्स ग्रुप के साथ जोड़ दिया गया है.. ६-इंडियन एक्सप्रेस…इसे दो भागो में बाट दिया गया है , दि इंडियन एक्सप्रेस और न्यू इंडियन एक्सप्रेस (साउदर्न एडिसन) -Acts Ministries has major stake in the Indian express and later is still with the Indian कौन्तेर्पर्त ७-दैनिक जागरण ग्रुप… इसके एक प्रबंधक समाजवादी पार्टी से राज्य सभा में सांसद है… यह एक मुस्लिम्वादी पार्टी है. ८-दैनिक सहारा .. इसके प्रबंधन सहारा समूह देखती है इसके निदेशक सुब्रोतो राय भी समाजवादी पार्टी के बहुत मुरीद है ९-आंध्र ज्योति..हैदराबाद की एक मुस्लिम पार्टी एम् आई एम् (MIM ) ने इसे कांग्रेस के एक मंत्री के साथ कुछ साल पहले खरीद लिया १०- दि स्टेट्स मैन… कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया द्वारा संचालित इस तरह से एक लम्बा लिस्ट हमारे सामने है जिससे ये पता चलता है की भारत की मीडिया भारतीय बिलकुल भी नहीं है.. और जब इनकी फंडिंग विदेश से होती है है तो भला भारत के बारे में कैसे सोच सकते है.. अपने को पाक साफ़ बताने वाली मीडिया के भ्रस्ताचार की चर्चा करना यहाँ पर पूर्णतया उचित ही होगा बरखा दत्त जैसे लोग जो की भ्रस्ताचार का रिकार्ड कायम किया है उनके भ्रस्ताचरणकी चर्चा दूर दूर तक है , इसके अलावा आप लोगो को सायद न मालूम हो पर आपको बता दू की लगभग ये १००% सही बात है की NDTV की एंकर बरखादत्त ने ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया है.. प्रभु चावला जो की खुद रिलायंस के मामले में सुप्रीम कोर्ट में फैसला फिक्स कराते हुए पकडे गए उनके सुपुत्र आलोक चावला, अमर उजाला के बरेली संस्करण में घोटाला करते हुए पकडे गए. दैनिक जागरण ग्रुप ने अवैध तरीके से एक ही रजिस्ट्रेसन नो. पर बिहार में कई जगह पर गलत ढंग से स्थानीय संस्करण प्रकाशित किया जो की कई साल बाद में पकड़ में आया और इन अवैध संस्करणों से सरकार को २०० करोड़ का घटा हुआ. दैनिक हिन्दुस्तान ने भी जागरण के नक्शेकदम पर चलते हुए यही काम किया उसने भी २०० करोड़ रुपये का नुकशान सरकार को पहुचाया इसके लिए हिन्दुस्तान के मुख्य संपादक सशी शेखर के ऊपर मुक़दमा भी दर्ज हुआ है.. शायद यही कारण है की भारत की मीडिया भी काले धन , लोकपाल जैसे मुद्दों पर सरकार के साथ ही भाग लेती है..... सभी लोगो से अनुरोध है की इस जानकारी को अधिक से अधिक लोगो के पास पहुचाये ताकि दूसरो को नंगा करने वाले मीडिया की भी सच्चाई का पता लग सके.....

Friday, 24 August 2012

Japan, a Country keeping Islam and Christianity at bay.

The first Japanese to go on the Hajj was Kotaro Yamaoka. He converted to Islam in 1909 in Bombay

Japan, a Country keeping Islam and Christianity at bay.

1. Japan has put strict restrictions on Islam and Muslims.

The reasons are:

a) Japan is the only nation that does not give citizenship to Muslims.

b) In Japan permanent residentship is not given to Muslims.

c) There is strong ban on the propagation of Islam in Japan .

d) In the University of Japan Arabic or any Islamic language is not taught.

e) One cannot import ˜Kuranâ™ published in Arabic language.

f) According to data published by Japanese government, it has given temporary residentship to only 2 lakhs Muslims, but they need to follow the Japanese Law of the Land. These Muslims should speak Japanese and carry their religious ritual in their homes.

g) Japan is the only country in the world having negligible number of embassies of Islamic countries.

h) Japanese people are not attracted to Islam at all.

i) Muslims residing in Japan are the employees of foreign companies.

j) Even today Visas are not granted to Muslim doctors, engineers or managers sent by foreign company.

k) In majority of the companies, it is stated in their laws that no Muslims should apply for the job.

l) Japan government is of an opinion that Muslims are fundamentalist and even in the era of globalization, they are not willing to change their Muslim laws.

m) Muslims can not even think about getting a rented house in Japan .

n) If anyone comes to know that his neighbor is a Muslim then the whole colony stays alert.

o) No one can start a Islamic or Arabic ˜Madarsaâ in Japan

p) There is no personal law in Japan .

q) If Japanese women marry a Muslim then she is banned.

r) According to Mr. Komico Yagi (Head of Department, Tokyo University ) There is a mind frame in Japan that Islam is narrow minded religion and one should stay away from it.

s) Freelance journalist Mohammd Juber toured many Islamic countries after 9/11 incidence and at that time he went even to Japan . He found out Japanese are confident that extremist can do no harm in Japan .

2. Strict restrictions on the conversion to Christianity

a. In Japan there are strong restrictions on conversions to Christianity.

b. If due to any reason one converts his religion then both, one who converts, and one who helps both are severely punished.

c. If a foreign citizen does this then he is given a strict notice to leave Japan immediately.

d. Christen missionaries are influential all over the world but in Japan they could do no magic.

e. The POPE of Vatican is unhappy on two things: 20th century is about to end but they could not convert India into a Christian nation as Greece and there is no rise in number of Christians in Japan .
- - - Dipak Bhatia
f. Japanese do not convert to other religion for the sake of money. They are very loyal to their religion and do not convert even if they are tempted with large remuneration.

Wednesday, 15 August 2012

आजादी नहीं धोखा है, देश का समझौता है

शासन नहीं शासक बदला है............ गोरा नहीं अब काला है

15 अगस्त 1947 को जब देश आजाद ही नहीं हुआ तो हर वर्ष क्यों आज़ादी की ख़ुशी मनाई जाती है ?


क्यों भारतवासियों के साथ भद्दा मजाक किया जा रहा है l इस सन्दर्भ में निम्नलिखित तथ्यों को जानें

1. भारत को सत्ता हस्तांतरण 14-15 अगस्त 1947 को गुप्त दस्तावेज के तहत, जो की 1999 तक प्रकाश में नहीं आने थे (50 वर्षों तक ) l

2. भारत सरकार को संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्छेदों में संशोधन करने का अधिकार नहीं है l

3. संविधान के अनुच्छेद 348 के अंतर्गत उच्चतम न्यायलय, उच्च न्यायलय तथा संसद की कार्यवाही अपनी राष्ट्रभाषा हिंदी में होने के बजाय अंग्रेजी भाषा में होगी l

4. अप्रैल 1947 में लन्दन में उपनिवेश देश के प्रधानमंत्री अथवा अधिकारी उपस्थित हुए, यहाँ के घोषणा पात्र के खंड 3 में भारत वर्ष की इस इच्छा को निश्चयात्मक रूप में बताया है की वह ...
क ) ज्यों का त्यों ब्रिटिश का राज समूह सदस्य बना रहेगा तथा
ख ) ब्रिटिश राष्ट्र समूह के देशों के स्वेच्छापूर्ण मिलाप का ब्रिटिश सम्राट को चिन्ह (प्रतीक) समझेगा, जिनमे शामिल हैं .. .(इंग्लैंड, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैण्ड, दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान, श्री लंका)
ग ) सम्राट को ब्रिटिश समूह का अध्यक्ष स्वीकार करेगा l

5. भारत की विदेश नीति तथा अर्थ नीति, भारत के ब्रिटिश का उपनिवेश होने के कारण स्वतंत्र नहीं है अर्थात उन्हीं के अधीन है l

6. नौ-सेना के जहाज़ों पर आज भी तथाकथित भारतीय राष्ट्रीय ध्वज नहीं हैl

7. जन गन मन अधिनायक जय हे ... हमारा राष्ट्र-गान नहीं है, अपितु जार्ज पंचम के भारत आगमन पर उसके स्वागत में गाया गया गान है, उपनिवेशिक प्रथाओं के कारण दबाव में इसी गीत को राष्ट्र-गान बना दिया गया ... जो की हमारी गुलामी का प्रतीक है l

8. सन 1948 में बने बर्तानिया कानून के अंतर्गत भाग 1 (1) 1948 के बर्तानिया के कानून के अनुसार हर भारतवासी बर्तानिया की रियाया है और यह कानून भारत के गणराज्य प्राप्त कर लेने के पश्चात भी लागू है l

9. यदि 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ तो प्रथम गवर्नर जनरल माउन्ट-बेटन को क्यों बनाया गया ??

10. 22 जून 1948 को भारत के दुसरे गवर्नर के रूप में चक्रवर्ती राजगोपालचारी ने निम्न शपथ ली l"मैं चक्रवर्ती राजगोपालचारी यथाविधि यह शपथ लेता हूँ की मैं सम्राट जार्ज षष्ठ और उनके वंशधर और उत्तराधिकारी के प्रति कानून के मुताबिक विश्वास के साथ वफादारी निभाऊंगा, एवंमैं चक्रवर्ती राजगोपालचारी यह शपथ लेता हूँ की मैं गवर्नर जनरल के पद पर होते हुए सम्राट जार्ज षष्ठ और उनके वंशधर और उत्तराधिकारी की यथावत सव्वा करूँगा l "

11. 14 अगस्त 1947 को भारतीय स्वतन्त्रता विधि से भारत के दो उपनिवेश बनाए गए जिन्हें ब्रिटिश Common-Wealth की ...धारा नं. 9 (1) - (2) - (3) तथाधारा नं. 8 (1) - (2)धारा नं. 339 (1)धारा नं. 362 (1) - (3) - (5)G - 18 के अनुच्छेद 576 और 7 के अंतर्गत ....इन उपरोक्त कानूनों को तोडना या भंग करना भारत सरकार की सीमश्क्ति से बाहर की बात है तथा प्रत्येक भारतीय नागरिक इन धाराओं के अनुसार ब्रिटिश नागरिक अर्थात गोरी सन्तान है l

12. भारतीय संविधान की व्याख्या अनुच्छेद 147 के अनुसार गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया एक्ट 1935 तथा indian independence act 1947 के अधीन ही की जा सकती है ... यह एक्ट ब्रिटिश सरकार ने लागू किये l

13. भारत सरकार के संविधान के अनुच्छेद नं. 366, 371, 372 एवं 392 को बदलने या रद्द करने की क्षमता भारत सरकार को नहीं है l

14. भारत सरकार के पास ऐसे ठोस प्रमाण अभी तक नहीं हैं, जिनसे नेताजी की वायुयान दुर्घटना में मृत्यु साबित होती है l इसके उपरान्त मोहनदास गांधी, जवाहरलाल नेहरू, मोहम्मद अली जिन्ना और मौलाना अबुल कलाम आजाद ने ब्रिटिश न्यायाधीश के साथ यह समझौता किया कि अगर नेताजी ने भारत में प्रवेश किया, तो उन्हे गिरफ्तार करके ब्रिटिश हुकूमत को सौंप दिया जाएगाl बाद में ब्रिटिश सरकार के कार्यकाल के दौरान उन सभी राष्ट्रभक्तों की गिरफ्तारी और सुपुर्दगी पर मुहर लगाईं गई जिनको ब्रिटिश सरकार पकड़ नहीं पाई थी l

15. डंकल व् गैट, साम्राज्यवाद को भारत में पीछे के दरवाजों से लाने का सुलभ रास्ता बनाया है ताकि भारत की सत्ता फिर से इनके हाथों में आसानी से सौंपी जा सके lउपरोक्त तथ्यों से यह स्पष्ट होता है की सम्पूर्ण भारतीय जनमानस को आज तक एक धोखे में ही रखा गया है, तथाकथित नेहरु गाँधी परिवार इस सच्चाई से पूर्ण रूप से अवगत थे परन्तु सत्तालोलुभ पृवृत्ति के चलते आज तक उन्होंने भारत की जनता को अँधेरे में रखा और विश्वासघात करने में पूर्ण रूप से सफल हुए l सवाल उठता है कि ... यह भारतीय थे या .... काले अंग्रेज ?

नहीं स्वतंत्र अब तक हम, हमे स्वतंत्र होना है......... कुछ झूठे देशभक्तों ने किये जो पाप.........उसे हमे धोना है।
भारत इतना गरीब देश है कि 100000,0000000 (1 लाख करोड़) के रोज रोज नए नए घोटाले होते हैं.... ? क्या गरीब देश भारत से सारी दुनिया के लुटेरे व्यापार के नाम पर 20 लाख करोड़ रूपये प्रतिवर्ष ले जा सकते हैं ? विदेशी बेंकों में जमा धन कितना हो सकता है ? एक अनुमान के तहत 280 लाख करोड़ कहा जाता है ? पर यह सिर्फ SWISS बेंकों के कुछ बेंकों कि ही report है ... समस्त बेंकों कि नहीं, इसके अलावा दुनिया भर के और भी देशों में काला धन जमा करके रखा हुआ है ?

भारत के युवकों, अपनी संस्कृति को पहचानो, जिसमे शास्त्र और शस्त्र दोनों कि शिक्षा दी जाती थी l आज तुम्हारे पास न शास्त्र हैं न शस्त्र हैं .. क्यों ?? क्या कारण हो सकते हैं ??भारत गरीब नहीं है ... भारत सोने कि चिड़िया था ... है ... और सदैव रहेगा l तुम्हें तुम्हारे नेता, पत्रकार और प्रशासक झूठ पढ़ाते रहे हैं l

वो इतिहास पढ़ा है तुमने जो नेहरु के प्रधानमंत्री निवास में 75 दिनों तक अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय और अंग्रेजों के निर्देशों पर बनाया गया lजिसमे प्राचीन शिव मन्दिर तेजो महालय को ताज महल, ध्रुव स्तम्भ को क़ुतुब मीनार और शिव मन्दिर को जामा मस्जिद ही पढ़ाया जाता है lसारे यूरोप - अमेरिका के लिए लूट का केंद्र बने भारत को गुलामी कि जंजीरों से मुक्त करवाने हेतु आगे आओ lउठो.... सत्य और धर्म की संस्थापना कि हुंकार तो भरो एक बार, विश्व के सभी देशों कि बोद्धिक संपदा बने भारत l

धर्म संस्थाप्नायार्थः संभवामि युगे-युगे|

हे पार्थ ! उठाओ गांडीव .. अपने क्षत्रिय धर्म को पालन करो और स्वयं भगवान का कार्य करने का सौभाग्य प्राप्त करो| तुम मुझ पर जब पूर्ण विश्वास कर मेरा कार्य करोगे तो मैं भी तुम्हारा पूरा भार स्वयं ले लूँगा.

जय हिंद.

Tuesday, 31 July 2012

इंदिरा गाँधी की सरकार के दौरान राजशी खजाने की लूट की एक भूली बिसरी कहानी ....... ........!!!

इंदिरा गाँधी की सरकार के दौरान राजशी खजाने की लूट की एक भूली बिसरी कहानी .......
........!!!

कहा गया राजस्थान के अम्बर पैलेस का खजाना ......!!!

इंदिरा गाँधी की सरकार के दौरान तीन महीने तक चला था खजाना खोजी अभियान ....

कहा गया अम्बर पैलेस का सोना चांदी ,,हीरे जवाहरात का खरबो का खजाना ..

राजस्थान के अम्बर पैलेस किले पर इंदिरा गांधी द्वारा देश पैर थोपे गए आपातकाल (1975–1977) के दौरान 10 जून 1976 से नबम्बर 1976 तक चली छापेमारी और उस दौरान सेना की यूनिट और आयकर बिभाग की मदद से चलाया गया खोजी अभियान के साथ सेना के ट्रकों के इस्तेमाल के बाबजूद कुछ भी ना मिलने का संदेहास्पद घटनाक्रम ...............!!!

घटना जरा पुरानी है समय था आपातकाल का जब देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने संबिधान की धज्जियाँ उड़ाते हुए देश पर आपातकाल ( Emergency ) थोप कर देश में लोकतंत्र नष्ट कर दिया था ...उस दौरान उन्होंने राजस्थान के प्रसिद्द किले अम्बर पैलेस पर छापामारी करबाई थी ,,उस दौरान इनकम टैक्स की टीम के साथ सेना की एक यूनिट को किले के खजाने को खोजने के लिये भेजा था ..अम्बर पैलेस किले पर छापे के दौरान प्रशासन ने कर्फ्यू की घोषणा कर दी थी ताकि आम जनता को किसी प्रकार की कोई सूचना और जानकारी ना मिल सके .....अम्बर पैलेस में सरकार का यह खजाना खोजी अभियान 10 जून 1976 से नबम्बर 1976 तक चला जिसमे मेटल डिटेक्टर भी प्रयोग किये गए थे ताकि किले की दीवारों में छिपे खजाने को भी खोजा जा सके ....उस खोजी अभियान के बाद बताया गया की सरकार को उस अभियान में किसी प्रकार का कोई खजाना नहीं मिला था ..... पुराने लोग बताते है की उस दौरान सेना के के ट्रकों का काफिला जयपुर से दिल्ली की ओर गया था और जयपुर दिल्ली रोड को आम जनता के लिये बंद कर दिया गया था ,,,,, अब सबाल ये है की दुनिया के सबसे रईस राजसी परिबारो में शामिल महारानी गायत्री देवी और राजा जय सिंह के शाही किले में सरकार का आयकर बिभाग और सेना की पूरी एक यूनिट कई महीने तक खजाने को खोजती रही ..उस दौरान सेना के ट्रको का काफिला अम्बर पैलेस से निकल कर दिल्ली की ओर गया ... जबकि सेना की राजस्थान में यूनिट है तों सेना के ट्रक दिल्ली की ओर क्या करने गए थे अगर उन ट्रकों में खजाना नहीं था तों सेना के बे ट्रक अपनी यूनिट में जो राजस्थान में थी की ओर क्यों नहीं गए ,,,,,,,,,,आखिर उस समय छापे में जब्त किया गया ट्रकों खजाना आज किसके पास है ..............ध्यान देने बाली बात ये भी है की जब अम्बर पैलेस किले में इंदिरा गांधी ने छापा डलबाया था तों उस समय उस किले की शाही माहरानी गायत्री देवी को इंदिरा सरकार ने हिरासत में ले रखा था ,,,,,,,,आज देश में विदेशो में कांग्रेस द्वारा जमा कराये गए काले धन की चर्चा है लेकिन .. कांग्रेस के गुनाह तों देखिये उसने अपने देश के खजाने को खुलेआम लूटने का काम किया था जिसकी यादे आज के समाज के सामने धूमिल सी हो चुकी है ...!!!

Thursday, 5 July 2012

कब तक शर्म करते रहेंगे अपने भारतीय होने पर ?


कुछ तथ्य भारतीयों की महानता के बारे में
  • विश्व के १० शीर्ष धनी व्यक्तियों में ४ भारतीय हैं.लक्ष्मी मित्तल जो विश्व में पाँचवे हैं वो इंग्लैण्ड में पहले स्थान पर यनि सबसे ज्यादा धनी व्यक्ति हैं..और जहाँ तक मैं जानता हूँ तो बहुत दिन से वो इस स्थान पर हैं..
  • विश्व का सबसे महँगा घर मित्तल जी का ही है जो इंगलैण्ड में बना हुआ है जिसकी कीमत ७०करोड़ पॉण्ड है...
  • Hp (कमप्युटर बनाने वाली कम्पनी) के जेनेरल मैनेजर राजीव गुप्ता हैं जो भारतीय हैं...
  • पेंटियम चिप जिस पर अभी ९०% कमप्युटर काम करते हैं के निर्माता विनोद दह्म हैं(ये भी भारतीय हैं)
  • हॉटमेल(hotmail) के संस्थापक(founder)और निर्माता( creator) सबीर भाटिया भारतीय ही हैं...
  • अमेरिका के ३८% डॉक्टर और १२% वैज्यानिक भारतीय हैं..(आज से ६-७ साल पहले मैंने किसी पत्रिका में ये आँकडा़ ५०% देखा था कि अमेरिका में ५०% डॉक्टर और वैज्यानिक भारतीय मूल के हैं..)
  • पूरे विश्व में भारतीयों की स्थिति.- IBM में नौकरी करने वालों में २८% "intel"में १७% "NASA"में ३६% और Microsoft में ३४%
  • sun Microsystems" के सह-संस्थापक--विनोद खोसला
  • फ़ॉर्चून मैग्जीन के नए रिपोर्ट के अनुसार अजीज प्रेमजी दुनिया के तीसरे धनी व्यक्ति हैं जो विप्रो के CEO हैं..
  • AT & T-Bell जो कि C,C++ जैसे कमप्युटर भाषा के निर्माता हैं के अध्यक्ष --अरुण नेत्रावाली
  • Microsoft Testing Director of window 2000 ---- - सन्जय तेजव्रिका
  • Chief Executive of CitiBank,Mckensey & Stanchart--- Victor Menezes,Rajat Gupta & Rana Talwar..
  • आईटी क्षेत्र में तो भारत नम्बर एक है ही पर किसी भी क्षेत्र में आप देख लो १ से १० में होंगे ही..एविएशन क्षेत्र में नौवें पर मध्यम तथा भारी वाहनों में चौथे पर कार में ग्यारहवाँ दोपहिया और तीनपहिया में एशिया में पहले स्थान पर ...
  • अमेरिका और जापान के बाद भारत ही ऐसा देश है जिसने खुद से सुपर कमप्युटर का निर्माण किया है.
इस तरह एक-एक कर भारत की वर्त्तमान उपलब्धियों को गिनाना संभव नहीं है चलिए अब कुछ पौराणिक उपलब्धियाँ--
  • शतरंज का आविष्कार भारत में ,
  • दुनिया को दशमलव पद्धति,अंक पद्धति,आधारीय पद्धति का ज्यान हमने दिया..
  • दुनिया को शून्य(आर्यभट्ट) का ज्यान हमने दिया...
  • बीजगणित(algebra),त्रिकोणमिति जिससे जिसको अँग्रेज ट्रिगोनोमेट्री(trigonometry) कहते हैं,कलन गणित जिसका अँग्रेजी में नामकरण हो गया केलकुलस(calculas)...ये सारी चीजें विश्व को भारतीयों की ही देन हैं....द्विघातीय समीकरण श्रीधराचार्य ने ११वीं सदी में ही दिया था..ग्रीक या रोम वाले सबसे बडी़ संख्या 10*6(ten to the power six) तक का ही उपयोग कर पाए थे और वर्त्तमान में भी10*12 तक का ही जिसे टेरा कहा जाता है जबकि हमलोगों ने 10*53 का उपयोग किया था,इसका भी विशेष नाम है.(पर वो विशेष नाम मुझे नहीं पता इसलिए नहीं लिखे)
  • आज जिसे पाइथागोरस सिद्धांत का नाम दिया जाता है या ग्रीक गणितज्यों की देन कहा जाता है वो सारे भारत में बहुत पहले से उपयोग में लाए जा रहे थे....इसमेम कौन सी बडी़ बात है अगर ये कहा जाय कि उनलोगों ने यहाँ से नकल कर अपनी वाहवाही लूट ली...
  • पाई का मान सबसे पहले बुद्धायन ने दिया था पाइथागोरस से कई सौ साल पहले..
  • अपनी कक्षा में पृथ्वी द्वारा सूर्य की परिक्रमा करने की अवधि हमारे गणितज्य भष्कराचार्य ने हजारों साल पहले ही दे दिया था जो अभी से ज्यादा शुद्ध है........365.258756484 दिन
  • विश्व का पहला विश्वविद्यालय तक्षशिला में स्थापित हुआ था ७००ईसा पूर्व जिसमें पूरे विश्व के छात्र पढ़ने आया करते थे तभी तो इसका नाम विश्वविद्यालय पडा़...(इसी विश्वविद्यालय को अँग्रेजी में अनुवाद करके यूनिवर्सिटी नामकरण कर लिया अँग्रेजों ने..)इसमें ६० विषयों की पढा़ई होती थी..इसके बाद फ़िर ३००साल बाद यानि ४०० ईसा पूर्व नालंदा में एक विश्वविद्यालय खुला था जो शिक्षा के क्षेत्र में भारतीयों की महान उपलबद्धि थी.. {*{एक मुख्य बात और कि हमारे महान भारतीय परम्परा के अनुसार चिकित्सा और शिक्षा जैसी मूलभूत चीजें मुफ़्त दी जाती थी इसलिए इन विश्वविद्यालयों में भी सारी सुविधाएँ मुफ़्त ही थी,,रहने खाने सब चीज की...इसमें प्रतिस्पर्द्धा के द्वारा बच्चों को चुना जाता था..इस विश्वविद्यालय की महानता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि यहाँ पढ़ने को इच्छुक अनगिनत छात्रों को दरबान से शास्त्रार्थ करके ही वापस लौट जाना पड़ता था..आप सोच सकते हैं कि जिसके दरबान इतने विद्वान हुआ करते थे उसके शिक्षक कितने विद्वान होते होंगे...यहाँ के पुस्तकालय में इतनी पुस्तकें थी कि जब फ़िरंगियों नेर इसमें आग लगा दी तो सालों साल तक ये जलता ही रहा..
  • सभी यूरोपीय भाषाओं की जननी संस्कृत है.और १९८७ ई० में फ़ोब्स पत्रिका ने ये दावा किया था कि कमप्युटर लैंग्वेज की सबसे उपयुक्त भाषा संस्कृत है....
  • मनुष्यों द्वारा ज्यात जानकारी में औषधियों का सबसे प्राचीन ग्रंथ आयुर्वेद जिसे चरक जी ने २५००ई०पूर्व संग्रहित किया था.उन्हें चिकित्सा-शास्त्र का पिता भी कहा जाता है..{*{पर हमारे धर्मग्रंथ के अनुसार तो आयुर्वेद हजारों करोडो़ साल पहले धन्वन्तरि जी लेकर आए थे समुंद्र-मंथन के समय}*}
  • शल्य चिकित्सा{[अभी इसी शल्य का नाम सर्जरी(surgery) हो गया है अँग्रेजी में]} का पिता शुश्रुत को कहा जाता है..२६०० साल पहले ये और इसके सहयोगी स्वास्थ्य वैज्यानिक जटिल से जटिल ऑपरेशन किया करते थे जैसे-सिजेरियन(ऑपरेशन द्वारा प्रसव),,कैटेरेक्ट(आँखों का आपरेशन),क्रित्रिम पैर,टूटी हड्डी जोड़ना,मूत्राशय का पत्थर..इन सबके अलावे मस्तिष्क की जटिल शल्य क्रिया तथा प्लास्टिक सर्जरी भी.......१२५ से ज्यादा प्रकार के साधनों का उपयोग करते थे अपने शल्य-क्रिया के लिए वे..इसके अलावे भी उन्हें इन सब चीजों की भी गहरी जानकारी थी..--anatomy(जंतुओं और पादपों की संरचना का ज्यान),,physiology(प्राणियों के शरीर में होने वाली सभी क्रियाओं का विज्यान),etiology(रोग के कारण का विज्यान),embryology(भ्रूण-विग्यान),metabolism,पाचन,जनन,प्रतिरक्षण आदि आदि...सीधे-सीधी कहूँ तो चिकित्सा सम्बंधी शायद ही ऐसा कोई ज्यान हो जो भारतीयों को ज्यात ना होगा..ये उतना विकसित था जितना अभी भी नहीं है...हमलोगों की एक कथा के अनुसार तो च्यवन ऋषि जडी़-बूटी का सेवन करके वृद्ध से युवक बन गए थे जिसके नाम पर अभी भी च्यवन-प्राश बाजार में बेचा जा रहा है...
  • पाँच हजार साल पहले जब अन्य देशों में लोग जंगली बने हुए थे उस समय हमारे यहाँ सिंधु घाटी और हड़प्पा की संस्कृति काफ़ी उन्नत अवस्था में थी..(हलांकि प्रमाण भले ही ५००० साल पहले तक का उपलब्ध हो पर हमारी सभ्यता-संस्कृति इससे भी पुरानी है)
  • ६००० साल पहले सिंधु नदी के किनारे नेविगेशन(समुंद्री यातायात या परिवहन) का विकास हो चुका था..उस समय सारे विश्व को विशाल बरगद वृक्ष के लकडी़ का नाव बनाकर भारत ही दिया करता था....ये शब्द नेविगेशन संस्कृत के नवगातिह से बना है..नौसेना जिसका अँग्रेजी शब्द नेवी(navy) है वो भी हमारे संस्कृत शब्द nau (नौ) से बना है..
  • सबसे पहला नदी पर बाँध सौराष्ट्र में बना था...इससे पहले के इतिहास का साक्ष्य भले ना हो पर ये सब कला इससे भी काफ़ी पुरानी है..अज भले ही भारत की प्राचीन उपलब्धियों को गिनाना पड़ रहा है क्योंकि काफ़ी लम्बे सालों के प्रयास से दुश्मनों ने इसे लगभग विलुप्त कर दिया गया है नहीं तो इसे गिनाने की जरुरत नहीं पड़ती फ़िर भी अभी भी ये संभव नहीं है कि कोई हमारी उपलब्धियों को १०-१५ वाक्य लिखकर गिना दे..ये तो अनगिनत हैं.......
  • अभी सब भारत को भले ही गरीब-गरीब कहकर मजाक उडा़ ले पर उस समय सारा विश्व इसपे अपनी नजरें गडा़ए रहता था..कोलंबस और वास्कोडिगामा भारत के बेशुमार धन को ही देखकर ही तो लालच में पड़ गया था तभी तो उस दुष्कर अनजान यात्रा पर निकल पडा़ जिसमें अगर उसका भाग्य ने साथ ना दिया होता तो जीवन भर समुंद्र में ही भटक-भटक कर अपने प्राण गँवा देता...और मैंने तो ये भी सुना है कि अँग्रेज १७ दिन तक या शायद एक-डेढ़ महीने तक सोना ढोता रहा था फ़िर भी यहाँ का सारा सोना इंग्लैण्ड ना ले जा पाया..वैसे छोडि़ए अँग्रेजों की बात को ये तो साले चोर-डकैत होते ही हैं अभी भले हमलोगों को चोर-डकैत कहता रहता है....बात करते हैं हमारे धर्मराज युधिष्ठिर की जिन्होंने राजसूय यज्य में सैकडो ब्राह्मणों को सोने की थाली में भोजन करवाया था और फ़िर वो थाली उन्हें दान में दे दी थी....और ये अँग्रेज जब हमलोगों को लूट रहे थे उस समय वो असभ्य,बहशी,लूटेरा,लालची,चोर-डकैत नहीं था अब जब हमलोगों के पास कुछ बचा नहीं लूटने को और उसके पास धन-दौलत का ढेर लग गया तो उसे डर लगने लगा कि कहीं उससे लूटा हुआ धन हमलोग छीन ना लें तो हमलोग को चोर-बदमाश कहकर बदनाम करने लगे...अभी अब शरीफ़ और सभ्य बनते हो....ये तो वही बात हुई कि १०० चूहे खाकर बिल्ली(जो अब शिकार करने में अक्षम हो गयी हो)हज करने को चली.......


चलिए अब कुछ उदार विदेशियों द्वारा भारत की महानता की स्वीकोरोक्ति---
  • आइंस्टीन जी ने कहा था कि हमलोग भरतीयों के कृतघ्न हैं जिसने हमें अंकशास्त्र के ज्यान दिए नहीं तो कोई भी वैज्यानिक खोज या सिद्धान्त संभव ना हो पाता..
we owe a lot to the Indians,who taught us how to count,without which no worthwhile scientific discovery could have been made...
  • मार्क ट्वैन जिसने कहा था कि सारे ज्यान के खजाने भारत में ही हैं और मानव का इतिहास,भाषा और परम्परा का जन्म स्थान भारत ही है....
India is the credal of the human race,the birthplace of human speech,the mothr of history,the grandmother of legend,and the great grandmother of tradition.our most valuable and most instructive materials in the history of man are treasured up in India only...
  • हु शिह,चीन का भूतपूर्व राजदूत जिन्होंने अमेरिका को कहा था कि भारत ने चीन को २००० साल पहले ही जीत लिया है..भारत की सभ्यता ने चीन की सभ्यता पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर लिया है जिसके लिए उसे एक सैनिक का भी उपयोग नहीं करना पडा़.........तो भई चीन ही क्या,,चीन जापान थाईलैण्ड जितने भी बौद्ध देश हैं सबको ज्यान बुद्ध ने दिया और उस बुद्ध को ज्यान हमने दिया..आखिर बुद्ध जी ने यहीं से तो ज्यान प्राप्त किए थे और यहीं की तो सभ्यता संस्कृति ले गए थे....
  • फ़्रेंच विद्वान रोमैन रोनाल्ड का कथन--जबसे मनुष्य का अस्तित्व इस पृथ्वी पर आया तबसे अगर उसके सपने साकार होने शुरु हुए तो वो जगह पृथ्वी पर ये भारत ही है....--if there is one place on the face of earth where all the dream of living men have found a home from the very earliest days when man began the dream of existence,it is India.. आज भारतीयों की मनःस्थिति ही ऐसी हो गयी कि अपना लोग कितना भी कोछ बोल ले उसपर तब तक प्रभाव नहीं पड़ता है जबतक कि बाहर वाला उसका समर्थन ना कर दे भले ही वो बाहर वाला हमारे अपने की तुलना में कितना ही कम अनुभवी या ज्यानी क्यों ना हो इसलिए इन विदेशियों का उदाहरण देना पडा़....