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दिसंबर 1978 को 132 यात्रियों के साथ इंडियन एयरलाइन्स की फ्लाइट आईसी-
410 की कलकत्ता- लखनऊ- दिल्ली उड़ान को हाईजेक कर लिया गया था। अपहरणकर्ता
"देवेंद्र नाथ पांडे और भोला नाथ पाण्डेय" थे। इनके पास खिलौने की बंदूक थी
और एक क्रिकेट का बल्ला था उससे डराकर हवाई जहाज को वाराणसी ले जाया गया।
ये दोनों अपराधी "युवा कांग्रेसी" थे !!
उनकी प्रमुख मांग थी कि इदिरा गांधी को तुरंत छोडा़ जाये जो उस वक़्त चुनावों में धोखाधड़ी के आरोप में जेल में बंद थीं और संजय गांधी के भी सभी केस वापस लिये जायें...!!
बाद में इदिरा गांधी की सहायता से चरण सिंह की सरकार बनीं, दोनो अपहर्ताओं के "केस" वापस ले लिये गये इस वक्तव्य के साथ कि :
'ये तो दीवानगी थी। गांधी परिवार के प्रति, दीवानगी की हद तक समर्पण था।'
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अविश्वसनीय लगा आपको अभी आगे और पढिये ::
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>> वे दोनों कांग्रेस के टिकट पर उत्तर प्रदेश में 1980 में विधायक बनें।
>> भोला 1980 से 1985 तक कांग्रेस का विधायक रहा।
>> भोला को कांग्रेस नें "लोकसभा" का भी टिकट दिया।
>> देवेंद्र कांग्रेस सरकार में मंत्री बना।
http://en.wikipedia.org/ wiki/ Bholanath_and_Devendra_Pand ey
उनकी प्रमुख मांग थी कि इदिरा गांधी को तुरंत छोडा़ जाये जो उस वक़्त चुनावों में धोखाधड़ी के आरोप में जेल में बंद थीं और संजय गांधी के भी सभी केस वापस लिये जायें...!!
बाद में इदिरा गांधी की सहायता से चरण सिंह की सरकार बनीं, दोनो अपहर्ताओं के "केस" वापस ले लिये गये इस वक्तव्य के साथ कि :
'ये तो दीवानगी थी। गांधी परिवार के प्रति, दीवानगी की हद तक समर्पण था।'
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>> वे दोनों कांग्रेस के टिकट पर उत्तर प्रदेश में 1980 में विधायक बनें।
>> भोला 1980 से 1985 तक कांग्रेस का विधायक रहा।
>> भोला को कांग्रेस नें "लोकसभा" का भी टिकट दिया।
>> देवेंद्र कांग्रेस सरकार में मंत्री बना।
http://en.wikipedia.org/
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